उत्पत्ति स्थिरता नियम

उत्पत्ति स्थिरता नियम या साधन के स्थिर प्रतिफल का नियम, Utpatti stirta niyam in hindi, pratifal ka niyam, 2024

प्रस्तावना –

नमस्कार प्यारे दोस्तों में हूँ, बिनय साहू, आपका हमारे एमपी बोर्ड ब्लॉग पर एक बार फिर से स्वागत करता हूँ । तो दोस्तों बिना समय व्यर्थ किये चलते हैं, आज के आर्टिकल की ओर आज का आर्टिकल बहुत ही रोचक होने वाला है | क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे उत्पत्ति स्थिरता नियम या साधन के स्थिर प्रतिफल का नियम  के बारे में पढ़ेंगे |

उत्पत्ति स्थिरता नियम या साधन के स्थिर प्रतिफल का नियम

 

अर्थ एवं परिभाषा :-

उत्पत्ति स्थिरता नियम, उत्पत्ति वृद्धि नियम तथा उत्पत्ति हास नियम के बीच, अन्तरकाल में लागू होता है। चाहे यह नियम कितने ही थोड़े समय के लिए क्रियाशील रहे, परन्तु यह उस स्थिति में लागू होता है जहाँ पर उत्पत्ति वृद्धि की प्रवृत्ति समाप्त होती है और उत्पत्ति हास की प्रवृत्ति प्रारम्भ नहीं हो पाती है। इस प्रकार से यह नियम उत्पत्ति वृद्धि नियम तथा उत्पत्ति हास नियम के बीच एक कड़ी का कार्य करता है।

साधारण उत्पत्ति के नियर्मों में प्रायः एक साधन को परिवर्तनशील रखकर अन्य सभी साधनों को स्थिर रखा जाता है। यदि हम ‘अनुकूलतम स्तर‘ पर समान लागत पर अधिक उत्पादन करना चाहते हैं तो हमें सभी उत्पत्ति के साधनों को समान अनुपातमें बढ़ाना होगा। इसलिए उत्पत्ति
स्थिरता नियम” को एक दूसरी प्रकार से भी परिभाषित किया जाता है।

प्रों स्टिगलर के शब्दों में, “जब सभी उत्पादक सेवाओं को एक दिये हुए अनुपात में बढ़ाया जाता है, तो उत्पादन उसी अनुपात में बढ़ता है।’” इसे लागत स्थिरता नियम भी कहते हैं।

उत्पत्ति स्थिरता नियम के उदाहरण तथा रेखा चित्र की सहायता से व्याख्या :-

उत्पादन के साधनों का अधिक प्रयोग करने तथा उत्पादन को बढ़ाते जाने से जब बड़े पैमाने की सब उत्पत्ति की बचतें समाप्त हो जाती हैं और वस्तु की प्रति इकाई लागत निम्नतम हो जाती है तो कहा जाता है कि उत्पादन ‘अनुकूलतम स्तर पर हो रहा है, यदि इसी स्थिति में उत्पादन चलता रहता है। तो उत्पत्ति स्थिरता नियम या स्थिर लागत नियम लागू होता है।.

यदि इस अवस्था में जैसे मशीन इत्यादि को स्थिर रखकर परिवर्तनशील साधन (श्रम) की एक और इकाई बढायी जाती है तो “अनुकूलतम स्तर’ भंग हो जायेगा और उत्पत्ति हास नियम लागू होने लगेगा। यदि इस अवस्था में सब साधन स्थिर रखे जाते हैं और उनमें कोई परिवर्तन नहीं किया जाता है तो मर उत्पादन स्थिर लागत उत्पत्ति के साधन की मात्रा पर जारी रहेगा।

माना कि इस अवस्था में 4 मशीन तथा 400 श्रमिक मिलकर किसी वस्तु की 1,000 इकाइयों का उत्पादन करते हैं और प्रति इकाई न्यूनतम लागत 5 रु. है। यदि इस स्थिति में उत्पादन चलता रहता है तो कहा जायेगा कि उत्पत्ति स्थिरता नियम लागू हो रहा है। हम वस्तु की 1,000 इकाइयाँ और उत्पादन कर सकते हैं यदि 4 मशीन तथा 400 श्रमिक और लगाएँ। यह स्थिति यहाँ रेखाचित्र में दर्शायी गई है।

महत्वपूर्ण तथ्य :-

  1. उत्पादन के मुख्य तीस नियम हैंक्रमायत उत्पत्ति वृद्धि नियम, क्रमागत उत्पत्ति समता नियम तथा क्रमागत उत्पत्ति हास |
  2. सभी प्रकार के उत्पाका में अन्ततोगत्वा क्रमागत उत्पत्ति हस्य नियम लागू होता है ।
  3. क्रमागत उत्पत्ति हास नियम उतना ही सर्वव्यापी है, जितना स्वयं का जीवन ।

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