प्रस्तावना –
नमस्कार प्यारे दोस्तों में हूँ, बिनय साहू, आपका हमारे एमपी बोर्ड ब्लॉग पर एक बार फिर से स्वागत करता हूँ । तो दोस्तों बिना समय व्यर्थ किये चलते हैं, आज के आर्टिकल की ओर आज का आर्टिकल बहुत ही रोचक होने वाला है | क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे राजनीति विज्ञान में भविष्यवाणी सम्भव है के बारे में पढ़ेंगे |
राजनीति विज्ञान में भविष्यवाणी सम्भव है
राजनीति विज्ञान में भी भविष्यवाणी की जा सकती है यद्यपि हो सकता है कि यह हमेशा सत्य न सिद्ध हो। एफ.जी.विल्सन ने लिखा है, ‘ राजनीति विज्ञान के क्षेत्र में सांख्यिकीय विश्लेषण द्वारा भविष्य कथन सम्भव है।’ राजनीति विज्ञान की भविष्यवाणियों में वह निश्चितता तो नहीं होती जो प्राकृतिक विज्ञानों की भविष्यवाणियों में होती है। इसका कारण यह है कि राजनीति विज्ञान प्राकृतिक विज्ञान नहीं वरन् सामाजिक विज्ञान है।
लार्ड ब्राइस ने राजनीति विज्ञान की तुलना मौसम विज्ञान से की है। मौसम विज्ञान की भविष्यवाणियाँ भी हमेशा सही होती हो, ऐसा नहीं होता क्योंकि मौसम विज्ञान को पर्यावरण के अनेक अनिश्चित कारकों को ध्यान में रखकर भविष्यवाणी करनी पड़ती है। इसीलिए मौसम विज्ञान को अनिश्चित विज्ञान की श्रेणी में रखा जाता है। लगभग यही स्थिति राजनीति विज्ञान की है। इसका सम्बन्ध मनुष्य और मानवीय समाज से है।
परंतु किसी राजनीतिक व्यवस्था अथवा किसी राज्य के निवासियों के दीर्घकाल के व्यवहार का विश्लेषण करके उस व्यवस्था या समुदाय के भावी व्यवहार के विषय में लगभग निश्चितता से भविष्यवाणी की जा सकती है अथवा अनुमान लगाया जा सकता है।
हरमन फाइनर ने लिखा भी है,
‘ हम सम्भावनाएँ तो व्यक्त कर ही सकते हैं भले ही पूर्ण निश्चितता के साथ कुछ न कह सकें।’ उपर्युक्त तर्कों के आधार पर विद्वानों का एक बड़ा वर्ग है जिसने राजनीति विज्ञान को विज्ञान की श्रेणी में रखने का प्रयास किया है।
ब्राइस ने इसे:-
‘ अनिश्चित विज्ञान ‘ मानते हुए लिखा है, ‘राजनीति इस अर्थ में विज्ञान है कि मानव प्रकृति की प्रवृत्तियों में समरूपता दिखाई पड़ती है, जो हमें किसी समय पर मानव के कार्यों को उन्हीं कारणों का परिणाम मानने योग्य बनाती हैं जिन्होंने पिछले समयों में उनके कार्यों को प्रभावित किया है।’
राजनीति विज्ञान कला के रूप में:-
कुछ विद्वान राजनीति को कला मानते हैं। गेटिल और ब्लंश्ली इस श्रेणी के प्रमुख विद्वान हैं। गेटिल ने लिखा है, “राजनीति को कला का उद्देश्य मनुष्य के क्रिया-कलापों से सम्बन्धित उन सिद्धांतों एवं नियमों का निर्धारण करना है जिन पर चलना राजनीतिक संस्थाओं के कुशल संचालन के लिए आवश्यक है।‘
ब्लंश्ली का मत है,
‘ राजनीति, विज्ञान की अपेक्षा कला अधिक है। राज्य के संचालन व उसकी क्रियात्मकता के संबंध में इसी के द्वारा नेतृत्व किया जाता है।’