Advertisement

सरस्वती सिंधु सभ्यता का आर्थिक जीवन, हड़प्पा सभ्यता, SARASWATI SINDHU SABHYTA, HARAPPA SABHYTAA, MP BOARD, 2024

saraswati sindhu sabhayta

प्रस्तावना –

नमस्कार प्यारे दोस्तों में हूँ, बिनय साहू, आपका हमारे एमपी बोर्ड ब्लॉग पर एक बार फिर से स्वागत करता हूँ । तो दोस्तों बिना समय व्यर्थ किये चलते हैं, आज के आर्टिकल की ओर आज का आर्टिकल बहुत ही रोचक होने वाला है | क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम बात करेंगे सरस्वती सिंधु  सभ्यता का आर्थिक जीवन के बारे में पढ़ेंगे |

सरस्वती सिंधु ( हड़प्पा ) सभ्यता का आर्थिक जीवन

सरस्वती सिंधु सभ्यता का आर्थिक जीवन

हड॒प्पा संस्कृति एक विकसित सभ्यता थी जिसका आर्थिक आधार भी सुव्य व स्थित . तथा सुघड था। निर्ममलिखित बिन्दुओं के आधार पर यहाँ के आर्थिक जीवन को देखा जा सकता है

Advertisement

सरस्वती सिंधु सभ्यता का  कृषि-

हड़प्पा और मोहन जोदड़ो से प्राप्त विशाल अन्न भंडार यहाँ की उन्नत कृषि व्यवस्था के प्रमाण हैं । यहाँ खुदाई से कोयले के रूप में गेहूँ और जौ के नमूने मिले हैं यहाँ ज्वार और बाजरे की भी खेती होती थी किन्तु यहाँ पर खेती की पद्धति कैसी थी इसके प्रमाण नहीं मिलते हैं । सिंचाई के लिए नदी के जल व वर्षा के जल का उपयोग किया जाता था, फलों के खजूर, नारियल, तरबूज, केला, अनार आदि का उत्पादन किया जाता था।.

सरस्वती सिंधु सभ्यता का पशुपालन

कृषि के अलावा यहाँ पर पशुपालन का कार्य भी प्रचलित था। जिन जानवरों के अस्थि पंजर यहाँ से प्रारंभ हुए हैं उनमें गाय, बैल, भेंस, भेड़, बकरी, हाथी, सुअर, कुत्ता आदि पालते थे। इस काल के लोग हंस, बत्तख, बन्दर, खरगोश, मोर, हिरण, मुर्गा, तोता आदि से परिचित थे। जंगली जानवरों में सिंह, भालू, गैंडा, भेंसा आदि से भी उनका सामना हो चुका होगा ऐसे प्रमाण मिलते हैं । यहाँ से बाघ, बन्दर, भालू की छोटीछोटी मूर्तियाँ पायी गयी हैं। 

Advertisement

सरस्वती सिंधु सभ्यता का उद्योग

धन्धे -हड़प्पा संस्कृति के लोग अनेक प्रकार के उद्योग-धन्धे विकसित कर लिये थे जिनमें कुम्हार, सुनार, राज जौहरी, बुनकर, रंग रेज, हाथी दाँत के शिल्पी मुख्य थे। कपड़ा बुनने का काम यहां के लोगों को अच्छी तरह से मालूम था। तकुओं और सूत की ढरकियों की बड़ी संख्या में प्राप्ति इसका प्रमाण है। धातुओं की ढलाई की कला भी यहाँ के लोगों ने सीख ली थी। सोने व चाँदी का उपयोग भी यहाँ होता था। सोने, चाँदी, ताबे कौमती पत्थर रत्नों तथा चिकनी मिट्टी के मटके बनाने की कला में हड़प्पा सभ्यता के लोग निपुण थे। 

सरस्वती सिंधु सभ्यता का व्यापार

हड़प्पा संस्कृति में व्यापार काफी उन्नत था। देश में आंतरिक रूप से और अन्य देशों के साथ भी व्यापार किया जाता था व्यापार के लिए थल और जल दोनों ही मार्गों का प्रयोग किया जाता था। बहरीन की मुद्रा का यहाँ से प्राप्त होना इस बात का प्रमाण है कि पश्चिमी एशिया के देशों के साथ भी व्यापारिक सम्बन्ध थे। मेसोपोटामिया में हड़प्पा संस्कृति की अनेक मुद्राएं मिली हैं जो इनके बीच व्यापारिक सम्बन्ध के प्रमाण हैं। इस सभ्यता में तौलने के लिए बाटों का प्रयोग किया जाता था। ये बाट, स्‍लेट और पत्थर के बनाग्रे जाते थे। 

Advertisement

OTHER RELATED POST –

सरस्वती सिंधु सभ्यता का सामाजिक जीवन, SARASHVATI SINDHI (HADPPA) SABHYATA KA SAMAJIK JEEVAN, MP BOARD NET, 2024

Advertisement

 

Advertisement

 

Advertisement