पैमानें, पैमानें के प्रतिफल कि परिभाषा | पैमाने के बढ़ते हुए प्रतिफल, RETURNS TO SCALE | BY-MPBOARD.NET,2024

पैमानें,[RETURNS TO SCALE] |पैमाने के प्रतिफल कि परिभाषा |पैमाने के बढ़ते हुए प्रतिफल | BY- MPBOARD.NET |

“पैमानें के प्रतिफल”   पैमानें के प्रतिफल का अर्थ एवं परिभाषा- पैमानें अभी तक साधन के प्रतिफल (उत्पत्ति के नियमों) की चर्चा में यह स्पष्ट कर चुके हैं कि किसी एक था कुछ साधनों को स्थिर रखकर अन्य साधनों में परिवर्तन किया जाय तो उसके क्या परिणाम हो सकते हैं। यदि उत्पादन के सभी साथनों … Read more

उत्पत्ति के नियम |क्रमागत उत्पत्ति हास नियम का महत्त्व | ‘सिल्वरमेंन के अनुसार | उत्पत्ति के नियम | ओ . वेन्हम के शब्दों में |क्रमागत उत्पक्ति हास नियम | प्रो मार्शल, मार्शल के शब्दों में | शो. वाघ के शब्दों में | श्रीमती जॉन रोबिन्सन | BY- MPBOARD.NET |

उत्पत्ति के नियम |क्रमागत उत्पत्ति हास नियम का महत्त्व | 'सिल्वरमेंन के अनुसार | उत्पत्ति के नियम | ओ . वेन्हम के शब्दों में |क्रमागत उत्पक्ति हास नियम | प्रो मार्शल, मार्शल के शब्दों में | शो. वाघ के शब्दों में | श्रीमती जॉन रोबिन्सन |

”उत्पत्ति के नियम”   उत्पत्ति के नियम “किसी एक साधन की मात्रा निश्चित होने की दशा में एक बिन्दु के पश्चात्‌ अन्य साधनों की प्रत्येक अगली वृद्धि के अनुपात से उत्पत्ति में घटती हुई वृद्धि प्राप्त होती है – श्रीमती जॉन रॉबिन्सन    उत्पत्ति के नियम (Laws of origin) – धनोत्पत्ति के लिए भूमि, श्रम, … Read more

उपयोगिता व सम्बन्धित नियम | उपयोगिता का अर्थ | उपयोगिता की परिभाषा | BY- MPBOARD.NET | 2024

उपयोगिता व सम्बन्धित नियम |उपयोगिता का अर्थ | उपयोगिता” की परिभाषा

“उपयोगिता व सम्बन्धित नियम”   केनेथ ई. बोल्डिंग– उपभोक्ता का अन्तिम उत्पाद, भौतिक उत्पाद नहीं होता है। इसे न तो देखा जा सकता है, न छुआ जा सकता है और न ही इसका आस्वादन किया जा सकता है। यह उत्पाद वस्तुतः मनोवैज्ञानिक उत्पाद होता है, जिसे अर्थशास्त्र की भाषा में उपयोगिता कहा जाता है …… … Read more

उपभोग | उपभोग का अर्थ | Upbhog |उपभोग की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ | उपभोग की परिभाषा के आवश्यक तत्व | उपभोग के प्रकार | उपभोग तथा विनाश में अन्तर | उपभोग का महत्व| BY- MPBOARD.NET | 2024

उपभोग | उपभोग का अर्थ |उपभोग की कुछ प्रमुख परिभाषाएँ | उपभोग की परिभाषा के आवश्यक तत्व | उपभोग के प्रकार | उपभोग तथा विनाश में अन्तर | उपभोग का महत्व|

“उपभोग” (UPBHOG)  उपभोग का अर्थ (Upbhog ka arth)- उपभोग का सामान्य अर्थ, बस्तु का उपभोग करना है। वस्तु के उपभोग से वस्तु पूर्णतः नष्ट हो आती है, ऐसा समझा जाता है, परन्तु ऐसा नहीं है। मनुष्य न तो किसी वस्तु का निर्माण कर सकता है और न ही किसी वस्तु को नष्ट कर सकता है। … Read more

भारतीय आर्थिक चिन्तक | कौटिल्य, गाँधी,दादाभाई नौरोजी,मोहनदास करमचंद गाँधी,पंडित जवाहरलाल,दीनदयाल उपाध्याय, Class 12 h ,Economics, BY-MPBOARD

भारतीय आर्थिक चिन्तक | कौटिल्य का आर्थिक चिंतन | गाँधी भारतीय आर्थिक चिंतक दादाभाई नौरोजी का आर्थिक चिन्तन | मोहनदास करमचंद गाँधी आर्थिक चिन्तन | पंडित जवाहर लाल | दीनदयाल उपाध्याय का आर्थिक चिन्तन | BY-MPBOARD.NET

भारतीय आर्थिक चिन्तक Bhartiye aarthik chintak   कौटिल्य (Koutilya) – भारतीय आर्थिक चिंतकों में कौटिल्य का स्थान महत्वपूर्ण एवं सर्वोपरि है. कौटिल्य को विष्णु गुप्त के नाम से भी जाना जाता है | वे चाणक्य नाम  नाम से भी जाना जाता है | वे चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रधानमंत्री और प्रमुख परामर्शदाता थे। शासन विधि के … Read more